Pakistan Bans Indian Songs, 22 अप्रैल, 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान ने भारतीय गानों को अपने एफएम रेडियो पर पूरी तरह बैन कर दिया। इस हमले को लश्कर-ए-तैयबा की प्रॉक्सी द रेसिस्टेंस फ्रंट (TRF) से जोड़ा गया, जिसके तार पाकिस्तान से जुड़े हैं। अब, अपनी करतूतों पर पर्दा डालने के लिए पाकिस्तान ने सांस्कृतिक प्रतिबंध का सहारा लिया। पाकिस्तान ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन (PBA) ने यह फैसला लागू किया, जिसे सूचना मंत्री अताउल्लाह तरार ने “राष्ट्रहित में कदम” करार दिया।

भारत के खिलाफ जवाबी कार्रवाई या बौखलाहट?

यह कदम भारत की सख्ती का जवाब माना जा रहा है। भारत ने पहलगाम हमले के बाद 16 पाकिस्तानी यूट्यूब चैनलों और कई सोशल मीडिया अकाउंट्स, जिनमें माहिरा खान जैसे सितारे शामिल हैं, पर रोक लगाई थी। इसका कारण हमले से जुड़ी भ्रामक और उकसावे वाली सामग्री थी। जवाब में, पाकिस्तान ने भारतीय गानों पर प्रतिबंध लगाकर अपनी हताशा जाहिर की। दशकों से पाकिस्तानी श्रोता मोहम्मद रफी, आशा भोसले जैसे दिग्गजों के गानों के दीवाने रहे हैं, लेकिन अब ये स्वर उनके रेडियो से गायब होंगे।

जनता की नाराजगी, रेडियो की लोकप्रियता पर संकट

पाकिस्तान का यह फैसला कितना हास्यास्पद है, इसका अंदाजा X पर लोगों की प्रतिक्रियाओं से लगता है। कई यूजर्स ने इसे “खुद का नुकसान” बताया, क्योंकि रेडियो श्रोताओं की संख्या में गिरावट तय मानी जा रही है। कुछ ने इसे पाकिस्तान की कायराना हरकत करार दिया, जो आतंकवाद पर चुप्पी साधकर सांस्कृतिक प्रतिबंधों का नाटक कर रहा है। सूचना मंत्री भले ही इसे देशभक्ति का रंग दें, लेकिन हकीकत में यह कदम पाकिस्तानी जनता के मनोरंजन को छीनने वाला है।

क्या होगा इस फैसले का अंजाम?

भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव का यह नया मोड़ न केवल सांस्कृतिक, बल्कि राजनयिक स्तर पर भी असर डालेगा। भारत ने पहले ही सिंधु जल संधि और अटारी सीमा को लेकर सख्त रुख अपनाया है। ऐसे में, भारतीय गानों पर प्रतिबंध जैसे छोटे कदम पाकिस्तान की कमजोर छवि को और उजागर करते हैं। क्या यह फैसला वाकई पाकिस्तान को एकजुट करेगा, या इसके संगीत प्रेमियों को और नाराज?

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