
छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने के लिए राज्य स्वास्थ्य विभाग ने पांच प्रमुख राष्ट्रीय संस्थाओं के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किए। नवा रायपुर में आयोजित कार्यक्रम में साझा लक्ष्यों और दायित्वों को लेकर विभाग और साझेदार संस्थाओं के बीच सहमति बनी।
राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं को और अधिक सुदृढ़ एवं प्रभावी बनाने के उद्देश्य से छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य विभाग ने पांच प्रमुख राष्ट्रीय संस्थाओं के साथ समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं। नवा रायपुर स्थित महानदी भवन में आयोजित इस कार्यक्रम के दौरान स्वास्थ्य, परिवार कल्याण एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग और सहयोगी संस्थाओं के बीच साझा लक्ष्यों एवं दायित्वों को लेकर आपसी सहमति बनी। कार्यक्रम में लोक स्वास्थ्य सचिव श्री अमित कटारिया, आयुक्त सह-संचालक डॉ. प्रियंका शुक्ला, महामारी नियंत्रण के संचालक डॉ. एस. के. पामभोई, विभिन्न स्वास्थ्य योजनाओं से जुड़े नोडल अधिकारी, उपसंचालक एवं सभी सहयोगी संस्थाओं के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।
‘छत्तीसगढ़ साथी’ की शुरुआत
पाँच प्रमुख संस्थाएं बनीं स्वास्थ्य सुधार की साझेदार
इस सहयोग का मुख्य उद्देश्य राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं में संरचनात्मक सुधार, तकनीकी मजबूती, जनभागीदारी को प्रोत्साहित करना और सेवाओं की पहुंच को अधिक व्यापक बनाना है। इस समझौते के तहत संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी), अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) रायपुर, सेंटर फॉर कैटालाइजिंग चेंज, बीवीएचए सहित कुल पांच संस्थाएं सहभागी बनीं। कार्यक्रम के दौरान विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और यूनिसेफ की वार्षिक कार्ययोजना पर भी विस्तार से विचार-विमर्श किया गया।
मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य को मिलेगा नया बल
इस महत्वपूर्ण एमओयू के तहत सहभागी संस्थाएं अपने-अपने विशेषज्ञता वाले क्षेत्रों में राज्य सरकार के साथ समन्वित रूप से कार्य करेंगी। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), रायपुर राज्य में मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सेवाओं को सशक्त बनाने में सहयोग करेगा। यूनिसेफ पोषण, बाल स्वास्थ्य और मातृ सुरक्षा से जुड़े कार्यक्रमों के लिए तकनीकी सहायता उपलब्ध कराएगा। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) राज्य की स्वास्थ्य प्रणाली को मजबूती देने, संचारी एवं गैर-संचारी रोगों की रोकथाम तथा रोग निगरानी व्यवस्था के सुदृढ़ीकरण में सहयोग करेगा।
यूएनडीपी टीकाकरण कार्यक्रमों को रणनीतिक और तकनीकी सहायता प्रदान करेगा, जबकि इविडेंस एक्शन शिशु स्वास्थ्य और कृमि मुक्ति अभियान को सशक्त बनाने में योगदान देगा। सेंटर फॉर कैटालाइजिंग चेंज राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत किशोरों के स्वास्थ्य एवं जागरूकता बढ़ाने में सहयोग करेगा। बीवीएचए लक्षित समुदायों में विशेष स्वास्थ्य हस्तक्षेपों के कार्यान्वयन में सहभागी बनेगा, वहीं निमहांस मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं के सुदृढ़ीकरण और विस्तार हेतु तकनीकी मार्गदर्शन प्रदान करेगा।
मानव संसाधन और तकनीकी दक्षता में होगा व्यापक सुधार
सभी सहभागी संस्थाएं राज्य सरकार के साथ मिलकर छत्तीसगढ़ में व्यापक स्वास्थ्य सुधारों के लिए एक एकीकृत और दीर्घकालिक कार्ययोजना तैयार करेंगी। कार्यक्रम के दौरान अधिकारियों ने जानकारी दी कि “स्वस्थ छत्तीसगढ़” की परिकल्पना को साकार करने के लिए राज्य सरकार बहुआयामी रणनीति पर कार्य कर रही है, जिसमें इन संस्थाओं की सहभागिता से स्वास्थ्य प्रणाली को नई दिशा और गति मिलेगी। इस समझौते के माध्यम से न केवल दूरदराज और पिछड़े क्षेत्रों तक स्वास्थ्य सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित होगी, बल्कि तकनीकी दक्षता और मानव संसाधन में भी उल्लेखनीय सुधार किया जा सकेगा।
यह सहयोग मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाने, डिजिटल स्वास्थ्य व्यवस्था को सुदृढ़ करने और सेवाओं में पारदर्शिता व प्रभावशीलता सुनिश्चित करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। सरकार और सभी साझेदार संस्थाओं ने इस अवसर पर विश्वास जताया कि यह संयुक्त प्रयास छत्तीसगढ़ को राष्ट्रीय स्तर पर अग्रणी स्वास्थ्य राज्य के रूप में स्थापित करने में सहायक होगा और एक समावेशी, प्रभावी तथा सशक्त स्वास्थ्य प्रणाली की मजबूत नींव रखेगा।